हम लोग चैतन्य कुल में क्या अलग करते हैं???
हम सभी चाहते हैं की हमारे आस पास के लोग अच्छे हों, लोग मिल-जुल के रहें, एक दूसरे से अच्छे व्यवहार करे, जरुरत पड़ने पर लोग एक दूसरे की मदद करें | ये तो अभी हमें सपने के जैसा लगता है | लेकिन ऐसा हम सभी चाहते हैं, ये बात स्पष्ट है | और जैसा हम सभी जानते हैं कि हमारे आस पास के बच्चे आने वाले भविष्य हैं और आगे वे ही हमारे समाज का नेतृव करने वाले हैं |
हम सभी को मालूम है की हम कोई भी काम कर के ही सीखते है | हम देख कर या सुनकर भी सीख सकते हैं लेकिन कर के ही वो अपने अनुभवों में लाते हैं | और जब हम कोई काम सीख लेते हैं तो किसी को सिखाना आसान हो जाता है | आप में से बहुत से लोगों ने अनुभव किया होगा की बच्चें बड़ी तेजी से सीखते हैं | वें चीजों को देखकर, जैसे हमारे व्यवहार और हमारी बातें सुनकर आसानी से सीखते हैं | मैं सीखना शब्द बार बार इसलिए प्रयोग कर रहा हूँ क्यूंकि हमारे आस-पास के बच्चे वही सीखेंगे जो वह अपने आस पास के लोगों को करते हुए देखेंगे और समाज में वैसा ही व्यवहार करेंगे जैसा वे लोगों को करते हुए पाएंगे | अगर सरल तरीके से देखा जाए तो हम आस-पास के लोगों के साथ अभी जैसा व्यवहार करते हैं वैसा ही हमारे आस-पास के बच्चे भी आने वाले समय में व्यवहार करेंगे | मतलब की अगर प्रेम का बीज हम बोयेंगे तो प्रेम ही निकलेगा और अगर स्वार्थ का बीज बोयेंगे तो स्वार्थ ही | बात एकदम सरल है की हमारा भविष्य हमारे ऊपर निर्भर करता है |
यह मै आज इस विषय पर इस लिए बात कर रहा हूँ क्योकि आप सभी जानते हैं की हमारे वर्तमान की शिक्षा प्रणाली में इन सब बातों की कोई जगह नहीं है, वह तो किसी के द्वारा लिखी गयी किताबों के शब्दों को रटकर अंक लाने तक ही सीमित है | और हम चाहते हैं की इस व्यवस्था से हमारे देश का कल्याण हो जाए और हमारे देश में बुद्धिजीवी लोगों का निवास हो जाए ? इसलिए शिक्षा कैसी होनी चाहिए इसपे सोचने की जरुरत है.. .. ..
अंत में चलते चलते - किसी बुद्धिजीवी ने कहा था की हमें अपने बच्चों की शैक्षिक क्षमता से संतुष्ट नही होना चाहिए बल्कि हम उन्हें दयालु होना सिखाएं | उन्हें मदद करना सिखाएं | उन्हें दूसरों को प्रोत्साहित करना सिखाएं | उन्हें दूसरों के बारे में सोचना सिखाएं | उन्हें दूसरों के साथ वस्तु / विचार / मंच साझा करना सिखाएं | उन्हें दूसरों का सम्मान करना सिखाएं | इस तरह वे दुनिया को बदल देंगे | धन्यवाद । 🙏🙏
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